गुलाब पर कविता

गुलाब पर कविता

थी इक लड़की गुलाब सी जिस पर सब रंग फबते थेउस की आमद थी ख़ुशबूएँ उस से आँगन महकते थे उसकी डुबकियों से ये समंदर गुलाब जल से लगते थेउसकी तासीर से ये झरने हयायी गुलाबी दहकते थे उसकी आँखें किसी पुरानी मय की प्याली से कम नहींउसकी नज़रों की तपिश से भी बडे़ पहाड़ … Read more

मेरे महबूब का यार कोई और है | Hindi Ghazals

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फक़त मैं ग़मों का साथी हूँ उसके,खुशियों का कर्ज़दार कोई और है। अंधेरा खींचता है उसे मुझ तलक,उजालों का किरदार कोई और है। कातिल़ यादें आयी हैं मेरे हिस्से में,मेरे महबूब का यार कोई और है। चन्द लम्हे बा-मुश्किल मुकद्दर हुए,ज़िंदगी का दावेदार कोई और है। वो तो टकराया था इश्क़ बताने को,शतरंज का शहरयार … Read more

Parveen Shakir Shayari Nasir Kazmi Shayari