गुलाब पर कविता

गुलाब पर कविता

थी इक लड़की गुलाब सी जिस पर सब रंग फबते थेउस की आमद थी ख़ुशबूएँ उस से आँगन महकते थे उसकी डुबकियों से ये समंदर गुलाब जल से लगते थेउसकी तासीर से ये झरने हयायी गुलाबी दहकते थे उसकी आँखें किसी पुरानी मय की प्याली से कम नहींउसकी नज़रों की तपिश से भी बडे़ पहाड़ … Read more

Parveen Shakir Shayari Nasir Kazmi Shayari