पुरुष का दर्द कविता | Hindi Poem

पुरुष का दर्द कविता | Hindi Poem

मैं आदमी हूं साहब
बिन आसूंओं के रोता हूं
पुरुष का दर्द कविता

मणिकर्णिका घाट पर कविता | Hindi Kavita

प्रेम कविताएं| Hindi Kavita

तृष्णाओं के वशीभूतअचैतन्य मन की ऊहा- पोह कोखींच ले जाती हूं बनारस केमणिकर्णिका घाट तकजहां नग्न मृत्यु नृत्य- मग्नऔद्धत्यपूर्ण तांडव करतीनश्वर जीवन के आडंबर कोअंतिम पड़ाव देतीसमस्त चिंताएं सुख दुःखअग्नि से पवित्र हो कुंदन बनआकाश में विलीन होतीबिना भेद भाव, ऊंच नीचअहंकार, ईर्ष्या के विकारों से स्वतंत्रराजा रंक को एकमार्गी करतेपरोक्ष अमर्त्य देवता… आरंभ अंत … Read more

Hindi Poem | हिंदी कविता इंसान

हिंदी कविता इंसान

ऊँचे पहाड़ों सा वो कभी, चट्टान हो जाता है,बहती नदी सा कोमल, भी इंसान हो जाता है। झूझता है आंधियां से, विशाल दरख़्त की तरह,फूंक से झोंकों से भी कभी, परेशान हो जाता है। सूरज बन चढ़ता है, अनंत आकाश में इक पल,दूजे पल में धरती चीर कर, वीरान हो जाता है। समन्दर सा गहरा, … Read more

Hindi Poem | हिंदी कविता (ठहराव सुकून है।)

Hindi Poem हिंदी कविता

ठहराव सुकून है,कभी कभी थोड़ा ठहर जाना तुम।मिले जब भी फुरसत तुम्हेंइस बेवजह दौड़ती ज़िंदगी से,तकना शून्य को और मुस्कुराना तुम।बांध देना कभी किसी तारे पर अपनी निगाह,कभी चांद की रोशनी में होश से नहाना तुम।रोक देना भागते हुए लम्हों को किसी पहर,किसी रात महबूब से ख्यालों में बतियाना तुम। ठहराव सुकून है,कभी कभी, थोड़ा … Read more

Parveen Shakir Shayari Nasir Kazmi Shayari