Hindi Poem | हिंदी कविता इंसान

हिंदी कविता इंसान

ऊँचे पहाड़ों सा वो कभी, चट्टान हो जाता है,बहती नदी सा कोमल, भी इंसान हो जाता है। झूझता है आंधियां से, विशाल दरख़्त की तरह,फूंक से झोंकों से भी कभी, परेशान हो जाता है। सूरज बन चढ़ता है, अनंत आकाश में इक पल,दूजे पल में धरती चीर कर, वीरान हो जाता है। समन्दर सा गहरा, … Read more

Parveen Shakir Shayari Nasir Kazmi Shayari