Hindi Poem | हिंदी कविता (ठहराव सुकून है।)

Hindi Poem हिंदी कविता

ठहराव सुकून है,कभी कभी थोड़ा ठहर जाना तुम।मिले जब भी फुरसत तुम्हेंइस बेवजह दौड़ती ज़िंदगी से,तकना शून्य को और मुस्कुराना तुम।बांध देना कभी किसी तारे पर अपनी निगाह,कभी चांद की रोशनी में होश से नहाना तुम।रोक देना भागते हुए लम्हों को किसी पहर,किसी रात महबूब से ख्यालों में बतियाना तुम। ठहराव सुकून है,कभी कभी, थोड़ा … Read more

Parveen Shakir Shayari Nasir Kazmi Shayari