मेरे महबूब का यार कोई और है | Hindi Ghazals

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फक़त मैं ग़मों का साथी हूँ उसके,खुशियों का कर्ज़दार कोई और है। अंधेरा खींचता है उसे मुझ तलक,उजालों का किरदार कोई और है। कातिल़ यादें आयी हैं मेरे हिस्से में,मेरे महबूब का यार कोई और है। चन्द लम्हे बा-मुश्किल मुकद्दर हुए,ज़िंदगी का दावेदार कोई और है। वो तो टकराया था इश्क़ बताने को,शतरंज का शहरयार … Read more

ग़ज़ल शायरी | अहमद फ़राज़

अहमद फ़राज़ ग़ज़ल

अहमद फ़राज़ ग़ज़ल | Ahmad Faraz Ghazal सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं सुना है रब्त है उस को ख़राब-हालों से सो अपने आप को बरबाद कर के देखते हैं सुना है दर्द की गाहक है चश्म-ए-नाज़ उस की सो हम … Read more

Parveen Shakir Shayari Nasir Kazmi Shayari