सूचना का अधिकार(RTI): सम्पूर्ण जानकारी | RTI (Right to Information)

भ्रष्टाचार को रोकने और नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए, भारत की संसद द्वारा पारित किया गया ये क़ानून 2005 में सूचना का अधिकार(RTI) अधिनियम 2005 (Right to information act 2005) के नाम से लागू किया गया था। जैसा की नाम से ही स्पष्ट होता है, इस अधिनियम के तहत आम जनता को सरकारी दस्तावेज़/ योजनाओं और विभागों से जुड़ी कोई भी जानकारी पाने का अधिकार दिया जाता है, प्रत्येक नागरिक को सरकार की किसी भी योजना, किसी भी सरकारी विभाग के बारे में जानकारी/सुचना प्राप्त करने का अधिकार ही सूचना के अधिकार अधिनियम में आता है।

सूचना का अधिकार(RTI) क्या है?

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 ( Right to information act 2005)

जैसा कि सभी जानते हैं, भारत एक लोकतांत्रिक देश है और किसी भी लोकतांत्रिक देश में आम आदमी ही देश का मालिक माना जाता है और आम आदमी की ये जानने का हक़ होता है जो सरकार उनके हित और कार्यों के लिए बनाई गई है वो अपना काम किस तरह से कर रही है, देश का पैसा कहाँ, कितना और कैसे खर्च किया जा रहा है।

प्रत्येक व्यक्ति को सरकारी योजनाओं और सरकारी कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है , प्रत्येक व्यक्ति अपनी आय का कुछ हिस्सा (टैक्स) में सरकार को देता है , जनता का पैसा कहां , किस प्रकार व्यय किया जा रहा है, यह भारत के प्रत्येक व्यक्ति का अधिकार है, इसी को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 ( Right to information act 2005) कहते हैं।

सूचना का अधिकार(RTI) कब शुरू हुआ ?

सूचना का अधिकार अधिनियम 12 अक्टूबर 2005 से लागू हुआ है ,15 जून, 2005 को शुरू होकर, इसके कानून को पूरा बनने के 120 दिन लगे, कुछ प्रावधान तुरन्त प्रभाव के साथ लागू किए गए थे । वर्तमान में RTI (आरटीआई) को 17 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं ।

सूचना का अधिकार(RTI) की आवश्यकता क्यों ?

सूचना का अधिकार अधिनियम का मूल उद्देश्य नागरिकों को सशक्त बनाना , सरकार के कामकाज में पारदर्शिता व जवाबदेही या उत्तरदायित्व को बढ़ावा देना है।

मान लीजिये आप अपने गावं/शहर के किसी सरकारी सड़क विभाग के बारे में जानकारी चाहते हैं तो आप सम्बंधित विभाग और सम्बंधित अधिकारी को लिखकर सड़क बनाने में कितना पैसा सरकार से उस निशिचित जगह के लिए आया, कहाँ खर्च हुआ या कोई भी प्रश्न लिख कर पुछ सकते हैं।

यह अधिनियम नागरिकों को, सरकार की गतिविधियों के बारे में जागरूक करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
भारतीय लोकतंत्र को मजबूत करने और शासन में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से RTIआरटीआई लागू किया गया और कुछ ही सालों में इसके फायदे जनता के हित की द्रष्टि से सामने भी आये।

सूचना का अधिकार(RTI) के तहत किस किस विभाग से सूचना प्राप्त कर सकते हैं ?

सूचना के अधिकार के अंतर्गत किसी भी सरकारी विभाग से कोई भी सूचना मांगी जा सकती है जैसे –
सड़क , परिवहन , बिजली , पानी , राशन , आदि । हर सरकारी विभाग में एक सूचना अधिकारी अवश्य होता है जो जनता के प्रश्नों का जवाब देने के लिए ही कार्यरत होता है ।

सूचना का अधिकार(RTI) के तहत सूचना देने के नियम।

  1. ऐसी जानकारी जिसे संसद या विधानमंडल को देने से इंकार नहीं किया जा सकता, उस जानकारी को किसी व्यक्ति को देने से भी इंकार नहीं किया जा सकता ।
  2. सिर्फ भारतीय नागरिकों को ही जानकारी प्राप्त करने का अधिकार होता है ।
  3. सरकारी दफ्तर में एक या अधिक अधिकारियों को पब्लिक इंफॉर्मेशन ऑफिसर (PIO) के रूप में नियुक्त करना अनिवार्य होता है ।
  4. आरटीआई की फीस (शूल्क) 10 रुपए होता है , बीपीएल परिवारों के लिए यह मुफ्त होता है ।
  5. आरटीआई शूल्क कैश, डिमांड ड्राफ्ट , या पोस्टल ऑर्डर द्वारा दिया जा सकता है ।
  6. आरटीआई के तहत सूचना देने का निर्धारित समय 30 दिन होता है , यदि 30 दिन से अधिक समय बीत चुका हो तब सारी जानकारी निशुल्क दी जाती है।
  7. प्रत्येक सरकारी विभाग में किसी भी जानकारी को सुरक्षित रखने का समय निर्धारित होता है , जानकारी यदि बहुत पुरानी है और वह मौजूद नहीं है , तो फिर वह जानकारी नहीं प्राप्त होती है ।
  8. पब्लिक इंफॉर्मेशन किसी भी रूप में मांग सकती है जैसे – लिखित , इलेक्ट्रिक उपकरण में आदि ।
  9. आरटीआई के दायरे में आने वाले इन सभी विभागों से आप जानकारी प्राप्त कर सकते हैं –
    राष्ट्रपति , प्रधानमंत्री , राज्यपाल , और मुख्यमंत्री दफ्तर , संसद , विधानमंडल , चुनाव आयोग , अदालतें , सरकारी बैंक , सरकारी अस्पताल , पुलिस , सेना के तीनो अंग , बीमा कंपनी , सरकारी फोन कंपनी , एनजीओ , सरकारी स्कूल , कॉलेज ।

सूचना का अधिकार(RTI) की महत्वपूर्ण धाराएं।

  1. धारा 6(1) आरटीआई का आवेदन लिखना
  2. धारा 6(3) आवेदन गलत विभाग में चला जाए तो सही विभाग में 5 दिन के अंदर भेज दिया जाता है ।
  3. धारा7(5) बीपीएल कार्ड धारक को शुल्क नहीं देना होता है ।
  4. धारा 7(6) आरटीआई का जवाब 30 दिन में नहीं आता है तो सूचना निशुल्क दी जाएगी ।
  5. धारा 8 आरटीआई वह सूचना नहीं देता जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा हो ।
  6. धारा 18 कोई अधिकारी जवाब नहीं देता तो उसकी शिकायत सूचना अधिकारी को की जाती है ।
  7. धारा 19(1) आरटीआई का जवाब 30 दिन के भीतर नहीं आता तो आप प्रथम अपीलीय अधिकारी को प्रथम अपील कर सकते हो ।
  8. धारा 19(3) प्रथम अपील का जवाब भी नही आता है तब आप इस धारा की मदद से 90 दिन के भीतर दूसरी अपील अधिकारी को कर सकते हो ।

सूचना का अधिकार(RTI) सूचना देने से कब मना कर सकता है।

  1. एप्लीकेशन किसी दूसरे जन सूचना अधिकारी या पब्लिक अथॉरिटी के नाम पर हो ।
  2. आप ठीक प्रकार से सही फीस का भुगतान न कर पाएं हों।
  3. आप गरीबी रखा से जुड़े सर्टिफिकेट की फोटोकॉपी न दे पाएं हों।
  4. यदि कोई अधिकारी आपको सूचना देने से मना करता है या फिर जानबूझकर देरी करता है या तथ्य छुपाने की कोशिश करता है तो उसके लिया आप अपील कर सकते हैं, और ऐसा करने पर प्रतिदिन के अनुसार 250 रुपए के हिसाब से 25000 रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है उस अधिकारी पर ।

कौन सी जानकारी सूचना का अधिकार(RTI) के तहत नहीं ली जा सकती।

  1. जिनके सार्वजनिक होने से देश की सुरक्षा और अखंडता को खतरा हो ।
  2. दूसरे देशों के साथ भारत से जुड़े मामले ।
  3. निजी संस्थाओं संबंधी जानकारी ।

सूचना का अधिकार(RTI) में सूचना कौन देगा ?

देश के सभी सरकारी विभागों में कम से कम एक लोक सूचना अधिकारी नियुक्त किया गया है। आपको अपना आवेदन लिखकर उन्हें ही जमा करना होता है। लोक सूचना अधिकारी की ज़िम्मेदारी होती है कि वो आपके द्वारा मांगी गई सूचना सम्बंधित विभाग की विभिन्न शाखाओं से लेकर आपको प्राप्त करवाएं। इसके अलावा बहुत से अधिकारी सहायक लोक सूचना नियुक्त होते हैं, इनका काम जनता से आवेदन लेकर सम्बंधित जन सूचना अधिकारी के पास पहुंचाना होता है।

सूचना का अधिकार(RTI) अधिनियम के तहत आवेदन कैसे करें ?

सबसे पहले आपको आवेदन पत्र लिखकर, 20 रूपये का डिमांड ड्राफ्ट या पोस्टल ऑर्डर उसके साथ लगाकर उसकी फोटोकॉपी अपने पास रखनी है, उसके बाद आप स्वयं लोक सूचना अधिकारी या सहायक लोक सूचना अधिकारी के पास जाकर आवेदन जमा करा सकते हैं, आप इसे डाक द्वारा भी भेज सकते हैं।

केन्द्र सरकार के सभी विभागों के लिए, 629 डाकघरों को केन्द्रीय सहायक लोक सूचना अधिकारी बनाया गया है, आप इन डाकघरों में से अपने पास के डाकघर में जाकर RTIआरटीआई काउंटर पर अपना आवेदन और शुल्क जमा करा सकते हैं। जब आप सूचना का अधिकारी काउंटर पर आवेदन जमा करेंगे, तो वो आपको आवेदन प्राप्ति की रसीद और एक्नॉलेजमेंट देंगे और यह उस डाकघर की ज़िम्मेदारी है कि तय समय सीमा में आपका आवेदन उपयुक्त लोक सूचना अधिकारी तक पहुंचाया जाए।

सूचना का अधिकार(RTI) का आवेदन शुल्क कितना है?

सूचना के अधिकार के तहत सूचना पाने का शुल्क 10 रुपए /- है।

सूचना पाने का शुल्क 2 रुपया/-प्रति प्रष्ठ है ।

दस्तावेजों की जांच करने का शुल्क – जांच के पहले घंटे का कोई शुल्क नहीं होता, उसके बाद हर घंटे का 5 रूपये/- शुल्क देना होगा।यह शुल्क केन्द्र व कई राज्यों के लिए ऊपर लिखे अनुसार है लेकिन कुछ राज्यों में यह इससे अलग है।

अगर सूचना में डीवीडी या सीडी शामिल है तो उसकी लागत का वास्तविक शुल्क देना होता है।

गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे नागरिकों के लिए ये सुविधा निशुल्क है, आपको अपने BPL कार्ड की फोटोकॉपी लगानी होगी।

सूचना का अधिकार(RTI)अधिनियम के तहत आवेदन कैसे लिखें ?

सूचना का अधिकार 2005 की धारा 6(1) और 6(3) के अंतर्गत आवेदन।
सेवा में,
अधिकारी का पद / जनसूचना अधिकारी
विभाग का नाम-………
विभाग का पता-………
विषय – सूचना का अधिकार के तहत आवेदन RTI Act 2005 के अंतर्गत ……………… से संबधित सूचनाऐं।

अपने सवाल यहाँ लिखें।

1-…………………………

2-………………………….

मैं आवेदन फीस के रूप में 20रू का पोस्टलऑर्डर/ डिमांड ड्राफ्ट …….. संख्या अलग से जमा कर रहा /रही हूं।
या
मैं बी.पी.एल. कार्डधारी हूं। इसलिए सभी देय शुल्कों से मुक्त हूं। मेरा बी.पी.एल.कार्ड नं…………..है।

यदि मांगी गई सूचना आपके विभाग/कार्यालय से सम्बंधित नहीं हो तो सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 6 (3) का संज्ञान लेते हुए मेरा आवेदन सम्बंधित लोकसूचना अधिकारी को पांच दिनों के समयावधि के अन्तर्गत हस्तान्तरित करने का कष्ट करें।

अपना नाम:…………
अपना पता:………………
अपना फोन नं:………………
अपने हस्ताक्षर……………….

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Parveen Shakir Shayari Nasir Kazmi Shayari