हिन्दी कविता – तू बे-वजह मुस्कुराया कर
तू बे-वजह मुस्कुराया करतू खुशियाँ पास बुलाया कर गम गुज़र जायेंगें बिना छुए तूझेतू हँसकर हाथ मिलाया करआसमां उतर आयेगा आगोश में तेरेथोड़ा चाहत से बाहें फैलाया करहसरतें दिल में दम तोड़ती अच्छी नहींतू खुले दिल से इन्हें जताया करतुझमें बारिशें कभी जो बरसें पुरजोरतू कागज़ की कश्ती तैराया कर अपनी उम्र पे ना जा … Read more