सास – इस्मत चुग़ताई की कहानी

सास – इस्मत चुग़ताई की कहानी

सूरज कुछ ऐसे ज़ावीये पर पहुंच गया कि मा’लूम होता था कि छः सात सूरज हैं जो ताक-ताक कर बुढ़िया के घर में ही गर्मी और रोशनी पहुंचाने पर तुले हुए हैं। तीन दफ़ा खटोली धूप के रुख से घसीटी ,और ए लो वो फिर पैरों पर धूप और जो ज़रा ऊँघने की कोशिश की … Read more

Parveen Shakir Shayari Nasir Kazmi Shayari