अपना ख़ून – इस्मत चुग़ताई की कहानी

अपना ख़ून - इस्मत चुग़ताई

समझ में नहीं आता, इस कहानी को कहाँ से शुरू करूँ? वहां से जब छम्मी भूले से अपनी कुँवारी माँ के पेट में पली आई थी और चार चोट की मार खाने के बाद भी ढिटाई से अपने आसन पर जमी रही थी और उसकी मइया ने उसे इस दुनिया में लाने के बाद उपलों … Read more

सास – इस्मत चुग़ताई की कहानी

सास – इस्मत चुग़ताई की कहानी

सूरज कुछ ऐसे ज़ावीये पर पहुंच गया कि मा’लूम होता था कि छः सात सूरज हैं जो ताक-ताक कर बुढ़िया के घर में ही गर्मी और रोशनी पहुंचाने पर तुले हुए हैं। तीन दफ़ा खटोली धूप के रुख से घसीटी ,और ए लो वो फिर पैरों पर धूप और जो ज़रा ऊँघने की कोशिश की … Read more

Parveen Shakir Shayari Nasir Kazmi Shayari