Hindi Poem | हिंदी कविता | कुछ सपने गर टूट जाएं

हिंदी कविता कुछ सपने

कुछ सपने गर टूट जाएंफिर वो कभी पूरे नहीं होतेऐसा ही एक सपना हैइश्क़ के मुकम्मल होने कावक्त मुन्तजिर रहता हैमगर एक वक्त तकफिर अकसर उसी रफ्तार से दौड़ता हैजो वाकई फितरत है उसकीले आता है एक ऐसे मुकाम परजहां से उस टूटे सपने की किरचियांएक ना- मुक्कमलला- हासिलीऔर अधूरेपन का दर्द समेटे चुभती रहती … Read more

Hindi Poem | हिंदी कविता इंसान

हिंदी कविता इंसान

ऊँचे पहाड़ों सा वो कभी, चट्टान हो जाता है,बहती नदी सा कोमल, भी इंसान हो जाता है। झूझता है आंधियां से, विशाल दरख़्त की तरह,फूंक से झोंकों से भी कभी, परेशान हो जाता है। सूरज बन चढ़ता है, अनंत आकाश में इक पल,दूजे पल में धरती चीर कर, वीरान हो जाता है। समन्दर सा गहरा, … Read more

Hindi Poem | हिंदी कविता (ठहराव सुकून है।)

Hindi Poem हिंदी कविता

ठहराव सुकून है,कभी कभी थोड़ा ठहर जाना तुम।मिले जब भी फुरसत तुम्हेंइस बेवजह दौड़ती ज़िंदगी से,तकना शून्य को और मुस्कुराना तुम।बांध देना कभी किसी तारे पर अपनी निगाह,कभी चांद की रोशनी में होश से नहाना तुम।रोक देना भागते हुए लम्हों को किसी पहर,किसी रात महबूब से ख्यालों में बतियाना तुम। ठहराव सुकून है,कभी कभी, थोड़ा … Read more

Parveen Shakir Shayari Nasir Kazmi Shayari