झुकता नही शिव भक्त किसी के आगे,
वो काल भी क्या करेगा महाकाल के आगे।
जो समय की चाल हैं, अपने भक्तों की ढाल हैं,
पल में बदल दे सृष्टि को, वो महाकाल हैं।
तांडव उनका जैसे स्वर्ग का नजारा हो, रज भी सोना बन जाए, जब महाकाल तेरा सहारा हो।
हे महाकाल, मेरे गुनाहों को माफ कर देना क्योंकि,
मैं जिस माहौल में रहेता हूँ, उसका नाम है दुनिया।
किसी ने मुझसे कहा इतने ख़ूबसूरत नहीं हो तुम, मैंने कहा महाकाल के भक्त खूंखार ही अच्छे लगते है।
हिन्दूगिरी के बादशाह हैं हम, तलवार हमारी रानी हैं,
दादागिरी तो करते ही है, बाकी महाकाल की मेहरबानी है।
कुत्तो की बढी तादाद से ”शेर” मरा नही करते, और महाकाल” के दिवाने किसी के बाप से ड़रा नही करते।
गांजे मे गंगा बसी, चीलम में चार धाम, कंकर मे शंकर बसे, और जग में महाकाल।
ग़ज़ल शायरी | अहमद फ़राज़ 270+Ishq Shayari In Hindi | इश्क़ शायरी
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