बजते हैं डमरू भस्म से होता हैं शृंगार। इतने अद्भुत ढंग से, सजते हैं महादेव मेरे।

जिंदगी का सफर जब हम खत्म कर जायेंगे, हमें यमराज नहीं, महादेव लेने आयेंगे।

हवाओं में गजब का नशा छा गया, लगता है महादेव का त्यौहार आने वाला है।

दुनिया के बदलते रंग देखता हूँ पर, सिर्फ आपको महादेव हर पल अपने संग देखता हूँ।

जिससे देव भी डरते हैं, ऐसा हैं मेरा महादेव।

ना जीने की खुशी ना मौत का गम,जब तक है, दम महादेव के भक्त रहेंगे हम।

किसी से रखा नहीं अब मैंने वास्ता शिव ही मेरी मंजिल , अब शिव ही मेरा रास्ता।

महादेव कहते हैं, पल में अमीर हैं पल में फ़कीर हैं। अच्छे करम कर ले नादान है, यह तो बस तकदीर हैं।

हीरे मोती और जेवरात तो सेठ लोग पहनते है, हम तो भोले के भक्त है इसीलिए “रुद्वाक्ष” पहनते है।