न जाने किसने पढी है मेरे हक़ में दुआ,
आज तबीयत में जरा आराम सा है।
तू मिल जाए मुझे बस इतना ही काफी है, मेरी हर सांस ने बस यही दुआ मांगी है।
जाने क्यों दिल खींचा जाता है तेरी तरफ, क्या तूने भी मुझे पानी की दुआ मांगी है।
सब कुछ मांग लिया तुझ को खुदा से मांग कर उठते नहीं है हाथ मेरे इस दुआ के बाद।
सच तो यह है कि ना दुआ ना ही दवा ने रक्खा, हमको जिंदा तेरे दामन की हवा ने रखा।
जो लोगों दूसरों को अपनी दुआओं में शामिल करते हैं, खुशियां सब से पहले उनके दरवाजे पे दस्तक देती है।
दुआ करो वो मुझको मिल जाए यारों, सुना है दोस्तों की दुआ में फरिश्तों की आवाज़ होती है।
लौट आती है हर बार दुआ मेरी खाली, जाने कितनी ऊँचाई पर खुदा रहता है।
खुशी मिली तो कई दर्द मुझसे रूठ गए, दुआ करो कि मैं फिर से उदास हो जाऊं।
हजार बार जो मांगा करो तो क्या हासिल दुआ वही है जो दिल से कभी निकलती है।
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