Gray Frame Corner

"इश्क़ हूं, इश्क़ सा महसूस कर मुझे 'ताबीर' ज़ेहन, दिल के साथ बैठा अच्छा नहीं लगता।"

Gray Frame Corner

"रात भर, जागने का इश्क़ में, आलम ये हुआ,  उम्र से पहले ही, इन आँखों को वो, भारीपन दे गया।"

White Frame Corner
White Frame Corner

"वो वक़्त लाता है, चुरा कर, वस्ल को, मेरा नाम हक़दारों में, शामिल ही नहीं।"

""जौहरी तेरी परख धातु तक ही है आशना,  मंगलसूत्र गिरवी रखा है मैनें आबरू नहीं"।।"

"सुनो, क्या मिला तुमको, रेत का महल बनाकर 'ताबीर'  तुम्हारा शौक ठहरा, किसी का आशियाना उजड़ गया ।"

Gray Frame Corner
Gray Frame Corner

""यकीनन छोड़ देते गर तुम ऐब ना होते, कोई हमसा ऐबी हमें अरसे बाद मिला" ।"

White Frame Corner
White Frame Corner

"बे-नियाज ही सही, किसी पहर पुकारो मुझे, जिस्म कान हो गया है, इंतज़ार में 'ताबीर'।"

"बहारों से क्या वास्ता मिरा, इश्क़ जन्नत मक़ाम सा है, उसकी आंखे झील ठहरी, हर वस्ल एक जाम सा है।"

"इश्क़ नहीं मापता  औकात किसी की, इसने  नहीं  बख्शी  रात  किसी  की।  लेकर  महलों   से   झोपड़ी   तलक,  तमाम  रात  जागी  याद  किसी  की।"

Gray Frame Corner

"बेहद सदाक़त  लहजा, पूर ख़ुलूस  ज़ज्बात, कुदरत ने पैकर को एक लियाकत बख्श दी।"

"वो ज़ख्म देकर 'ताबीर',  फिर ले आता है दवा, इसी सिलसिले से गुज़र रही है, जिंदगी हर दफा।"

"उसका हाथ दबा रहा, फक़त मजबूरियों तले, मेरा इश्क़ पनपता गया, उसकी कशमकश देखकर।"