इतनी मुश्किल भी ना थी राह मेरी मोहब्बत की, कुछ जमाना खिलाफ हुआ कुछ वह बेवफा हुए।

मोहब्बत से भरी कोई गजल उन्हें पसंद नहीं, बेवफाई के हर शेर पे वो दाद दिया करते हैं।

मुझसे मेरी वफा का सबूत मांग रहे हो, खुद बेवफा हो कर मुझसे वफा मांग रहे हो।

अपने तजुर्बे की आजमाइश की जिद्द थी वरना, हमको था मालूम कि तुम बेवफा हो जाओगे।

बातों में तल्खी लहजे में बेवफाई, लो यह मोहब्बत भी पहुंची अंजाम पर।

तेरी बेवफाई का सो बार शुक्रिया, मेरी जान छूटी इश्क से मोहब्बत से।

इस दौर में की थी जिससे वफा की उम्मीद, आखिर को उसी के हाथ का पत्थर लगा मुझे।

तूने ही लगा दिया इल्जाम ए बेवफाई, अदालत भी तेरी थी गवाह भी तू ही थी।

तेरी वफा के तकाज़े बदल गए वरना, मुझे तो आज भी तुझसे अजीज़ कोई नहीं।

दिल भी तोडा तो सलीके से न तोडा तुमने,  मोहब्बत के भी अपने आदाब होते हैं।

हम से क्या हो सका  मोहब्बत में,  तुमने तो खैर बेवफाई की।

आईने की तरह तू भी बेवफा निकला, जो सामने आया उसी का हो गया।

अब भी तड़प रहा है तू उसकी याद में, उस बेवफ़ा ने तेरे बाद कितने भुला दिए।